भाटपार रानी -: रिपब्लिक भारत के संपादक व एंकर अर्णव गोस्वामी की गिरफ़्तारी के खिलाफ देश भर में पत्रकारों में आक्रोश देखने को मिल रहा है | वही कई जगहों पर लोग भी गिरफ़्तारी के खिलाफ सडको पर उतर रहे है वही लोगो का कहना है की जिस तरीके से अर्णव की गिरफ़्तारी हुई है उससे ये साफ जाहिर होता है की ये कार्यवाही महाराष्ट्र सरकार व मुंबई पुलिस द्वारा बदले की भावना से की गयी है | अन्यथा एक बंद हो चुके केश की फाईल के इस तरह अचानक से बगैर कोर्ट के आदेश के खोलना साथ ही बगैर समन दिए सुबह गिफ्तार करना एक सम्मानित पत्रकार को घसीट कर ले जाना केवल इसलिए की उन्होंने सरकार से सवाल पूछे |ये लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के आवाज को दबाना है जो लोकतांत्रिक तरीके से ग़लत है | जिसके खिलाफ देश भर में लोग अर्णव के समर्थन में खड़े नजर आ रहे है | उसी क्रम में भाटपार रानी तहसील परिसर में तहसील भर के पत्रकारों नेशनल प्रेस यूनियन व भारतीय राष्ट्रिय पत्रकार समन्वय समिति व सोशल मिडिया पत्रकार महासंघ के बैनर तले काले पट्टी बाधकर बिरोध प्रदर्शन किया साथ ही उप जिलाधिकारी भाटपार रानी श्री ध्रुव शुक्ला को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौपा | इस दौरान भारतीय राष्ट्रिय पत्रकार समन्वय समिति व सोशल मिडिया पत्रकार महासंघ के जिला अध्यक्ष कमल पटेल ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा की अर्णव का उत्पीडन देश के चौथे स्तम्भ का उत्पीडन है जिसे किसी कीमत पर बर्दास्त नही किया जायेगा साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र की सरकार और इस साजिश में सामिल पुलिस कर्मियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने के साथ ही अर्णव गोस्वामी की तत्काल रिहाई की मांग की | इस अवसर पर कमल पटेल , भारत भूषण श्रीवास्तव ,हनुमान जयसवाल,शिवजी यादव ,रजनीश भारती ,देहाती जी समेत तहसील के सभी वरिष्ट पत्रकार शामिल रहे |